मां.... एक पिता
मां.... एक पिता जो औरत एक बच्चे को पैदा कर सकती है उसके लिए अपने बच्चों को पालना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। औरत अकेले बच्चे पाल नहीं सकती ये धारणा समाज के द्वारा बनाया गई है और यह बात शुरू से हर लड़की के दिमाग में छाप दी जाती है और फिर कहीं ना कहीं यह उसके थिंकिंग प्रोसेस का हिस्सा बन जाती है और वो धीरे-धीरे इस बात को मान ही लेती है कि हां, उसके बच्चे के लिए पिता का होना जरूरी है भले ही वो उस संबंध में भावनात्मक और मानसिक रूप से अनुपस्थित हो। अब होता ये है कि इस पंगु से रिश्ते में सब साथ बने रहते हैं क्योंकि समाज एक मां और उसके बच्चे को कभी भी एक पिता नाम की चीज़ के बिना एक्सेप्ट नहीं करेगा और नाम के लिए ही सही, सरकारी कागज़ों पर पिता का कॉलम खाली न रहे इसलिए यह नासूर पालता रहता है, केवल इसी कारण से एक औरत किसी गलत इंसान के साथ अपने जीवन का एक लंबा समय बिता देती है और अपने बच्चों को भी एक ऐसे व्यक्ति के साथ रहने पर मजबूर करती हैं जो कि सबके लिए विकृत माहौल बनाए रखता है। मेरी ये बात सामान्यतः समझ में आने वाली नहीं है लेकिन जो कोई भी ऐसे ...