नई चेतना, नई ऊर्जा का त्यौहार मनाएं...... आओ नववर्ष मनाएं
मयस्सर डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है,
तारीखोंं के जीने से दिसंबर उतर रहा है,
कुछ चेहरे घटे, कुछ यादें जुड़ गई वक्त में, उमर का पंछी नित दूर-दूर उड़ रहा है,
गुनगुनी धूप और ठिठुरती रातें जाड़े की,
गुजरे लम्हों पर भी झीना झीना पर्दा गिरा रहा है,
जा़यका लिया नहीं जिंदगी का और फिसल रही है जिंदगी,
आसमां समेटता वक्त, बादल बन उड़ रहा है,
फिर एक दिसंबर गुजर रहा है........
हर साल हम यही सोचते हैं कि यह साल बहुत जल्दी बीत गया | साल का आखिरी महीना इसी उधेड़बुन में निकल जाता है कि जाता हुआ यह साल हमें क्या दे गया या हमसे क्या लेकर चला गया | हर साल की यही कहानी है, हर साल नया साल आएगा कुछ ना कुछ सिखाएगा जिंदगी की किताब में कुछ नए अध्याय जोड़ कर जाएगा और हम हर साल पुराने सालों की याद करेंगे |
नए साल के बहाने हमें एक मौका मिलता है जब हम पीछे मुड़कर देख सकते हैं कि हमने अपने साथ क्या किया, अपने आसपास के साथ क्या किया, इस पूरी मानवता के साथ क्या किया ? नया साल.... जीवन के लिए नए लक्ष्य को, नए नजरिए को तय करने का एक मौका है | बस कुछ ही देर में शुभकामनाओं का लेनदेन शुरू हो जाएगा लेकिन क्या हमने कभी यह सोचा है कि हमें जितनी भी शुभकामनाएं मिलती हैं उनमें से कितनों को हमने सच करके दिखाया है ? यह बातभी बिल्कुल सही है कि सपने खुद ही सच नहीं हो जाते उन्हें सच करना पड़ता है | ज्यादातर लोगों के लिए एक जनवरी ही नया वर्ष होता है भले ही नए वर्ष ऐसा कुछ भी ना हो, न ही मौसम....ना प्रकृति.... और ना ही कुछ और.... अगर सचमुच ही नए साल को सार्थक करना है तो जरूरी है कि कुछ ऐसे नये की शुरुआत करें कि पूरा साल अपने पिछले साल की तुलना में नया बनकर हमारे जीवन में कुछ नया जोड़े !
नए वर्ष के स्वागत का मतलब है एक नई चेतना, एक नया भाव, एक नया संकल्प, कुछ ऐसा करने की प्रतिज्ञा जो अब तक नहीं किया और कुछ ऐसा छोड़ने का भाव जिसके साथ अब चलना मुश्किल हो गया हो, ऐसा करके ही हम नए वर्ष का सच्चे अर्थों में स्वागत कर सकते हैं सच तो यह है कि नया वर्ष नया संकल्प लेने का अवसर होता है, एक ऐसा संकल्प जिसे हम लगातार साल भर तक निभाते रहें और जब किसी संकल्प को लगातार साल भर तक निभाया जाता है तो वही हमारी आदत बन जाता है और यही आदत धीरे-धीरे हमारा व्यक्तित्व बन जाता है |
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार...
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार...
जीना इसी का नाम है...
आइए....नए वर्ष को इसी गीत के रूप में लें | इस भागते हुए साल के क्षणों को अपनी संकल्प की डोर से बांध लें ताकि आपके जीवन को एक नई दिशा और ताजगी मिल सके |
नव वर्ष की असीमित शुभकामनाएं |

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